दृश्य कथा: साप्ताहिक दृश्य कथा कैप्शन प्रतियोगिता। “तस्वीर बोलती है – अब आपकी बारी है उसे आवाज़ देने की!”

  “ भीषण गर्मी के आगे हम सब बेबस और नतमस्तक हैं, उसी मस्तक से पसीने की नदियाँ बह रही हैं। मन भैंस की तरह पानी में पड़े रहने का होता है। पर किल्लत पानी और मनमानी दोनों की है, क्या करें! – आशीष सिंह ठाकुर ‘अकेला’ “ इस पर एक शेर मुझे याद आ … Continue reading दृश्य कथा: साप्ताहिक दृश्य कथा कैप्शन प्रतियोगिता। “तस्वीर बोलती है – अब आपकी बारी है उसे आवाज़ देने की!”