एनसीएससी ने नई दिल्ली में ‘भारतीय संविधान की 75 वर्षों की यात्रा’ थीम पर मनाई डॉ. बी. आर. अंबेडकर जयंती 2025

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एनसीएससी ने नई दिल्ली में ‘भारतीय संविधान की 75 वर्षों की यात्रा’ थीम पर मनाई डॉ. बी. आर. अंबेडकर जयंती 2025


हाइलाइट्स

  • डॉ. अंबेडकर की 135वीं जयंती पर पहली बार एनसीएससी द्वारा भव्य आयोजन
  • ‘भारतीय संविधान की 75 वर्षों की यात्रा’ विषय पर आधारित कार्यक्रम
  • केंद्रीय मंत्री डॉ. वीरेन्द्र कुमार एवं राज्यमंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल रहे मुख्य अतिथि
  • डॉ. अंबेडकर के जीवन पर डॉक्यूमेंट्री क्लिप्स, संविधान की प्रति और पुस्तकों की डिजिटल प्रदर्शनी
  • एनसीएससी की नई वेबसाइट का लोकार्पण
  • देशभर से सांसद, आयोग सदस्य, शिक्षाविद व सामाजिक कार्यकर्ता कार्यक्रम में सम्मिलित

समारोह का विवरण

नई दिल्ली: राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (NCSC) ने 14 अप्रैल को भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर की 135वीं जयंती के अवसर पर एक भव्य समारोह का आयोजन नई दिल्ली में किया। इस वर्ष का आयोजन विशेष था क्योंकि यह ‘भारतीय संविधान की 75 वर्षों की यात्रा’ को समर्पित रहा।

कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेन्द्र कुमार ने की, वहीं श्री अर्जुन राम मेघवाल, राज्यमंत्री (संसदीय कार्य एवं विधि और न्याय) विशिष्ट अतिथि के रूप में मंच पर उपस्थित रहे। इनके साथ एनसीएससी के अध्यक्ष श्री किशोर मकवाना, सदस्य श्री लव कुश कुमार और श्री वड्डापल्ली रामचंदर भी मौजूद थे।


प्रमुख वक्तव्य एवं संदेश

डॉ. वीरेन्द्र कुमार

मुख्य अतिथि के रूप में अपने संबोधन में उन्होंने डॉ. अंबेडकर के जीवन संघर्ष, संवैधानिक योगदान और सामाजिक समानता, स्वतंत्रता व बंधुता के मूल्यों को विस्तार से रेखांकित किया। उन्होंने युवाओं से बाबासाहेब के विचारों को आत्मसात करने और समावेशी भारत के निर्माण में सक्रिय भागीदारी निभाने की अपील की।
उन्होंने यह भी कहा कि एनसीएससी द्वारा संविधान की 75वीं वर्षगांठ पर इस प्रकार का आयोजन पहली बार इतने बड़े स्तर पर किया गया है, जो सराहनीय है।

श्री अर्जुन राम मेघवाल

उन्होंने डॉ. अंबेडकर को भारतीय संविधान के शिल्पकार के रूप में स्मरण करते हुए उनके विचारों में ‘समानता’ को केंद्रीय तत्व बताया। उन्होंने कहा कि “सच्चा राष्ट्र निर्माण तभी संभव है जब प्रत्येक नागरिक को समान अधिकार, अवसर और गरिमा प्राप्त हो।”
उन्होंने युवाओं को बाबासाहेब की आत्मकथा व जीवन प्रसंगों से सीख लेने की प्रेरणा दी।


एनसीएससी की भूमिका और संकल्प

एनसीएससी के अध्यक्ष श्री किशोर मकवाना ने डॉ. अंबेडकर के शिक्षा, आत्म-सम्मान और चरित्र निर्माण पर दिए गए योगदानों को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि आयोग अनुसूचित जातियों के अधिकारों की रक्षा के लिए सतत रूप से नीतिगत पैरवी, जनजागरूकता और निगरानी कर रहा है।

सदस्य वक्तव्य:

  • श्री लव कुश कुमार ने डॉ. अंबेडकर को न्यायपूर्ण समाज की नींव रखने वाला महानायक बताया।
  • श्री वड्डापल्ली रामचंदर ने जातीय भेदभाव के विरुद्ध उनके संघर्ष और संविधान में सामाजिक न्याय के समावेश पर प्रकाश डाला।

प्रदर्शनी, लॉन्च एवं अन्य गतिविधियाँ

कार्यक्रम की शुरुआत में श्री जी. श्रीनिवास, सचिव (एनसीएससी) ने आयोग की पारदर्शिता और शिकायत निवारण प्रणाली में सुधार की दिशा में उठाए गए कदमों की जानकारी दी।

कार्यक्रम के दौरान:

  • एनसीएससी की नई आधिकारिक वेबसाइट का लोकार्पण डॉ. वीरेन्द्र कुमार द्वारा किया गया।
  • डॉ. अंबेडकर के जीवन पर आधारित डॉक्यूमेंट्री क्लिप्स का प्रदर्शन हुआ।
  • भारतीय संविधान की मूल प्रति को विशेष रूप से प्रदर्शित किया गया।
  • बाबासाहेब की प्रमुख पुस्तकों की डिजिटल प्रदर्शनी भी दर्शकों के लिए आकर्षण का केंद्र रही।
  • मंच पर उपस्थित सभी गणमान्य अतिथियों को सम्मानित भी किया गया।

प्रतिभागियों की उपस्थिति

इस समारोह में देशभर से अनेक सांसद/पूर्व सांसद, अन्य आयोगों के सदस्य, संघों के अध्यक्ष/महासचिव, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के अधिकारी, शैक्षणिक संस्थान/विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधि, विद्वान, और सामाजिक न्याय क्षेत्र से जुड़े कार्यकर्ता उपस्थित हुए और कार्यक्रम को गरिमा प्रदान की।

 


नोट: यदि आप बाबासाहेब अंबेडकर के विचारों, संविधान के इतिहास, या सामाजिक न्याय से संबंधित किसी अन्य लेख की मांग करना चाहते हैं, तो नीचे कमेंट करें या संपर्क करें।

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