कविता: आक्रोश (पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले की निंदा हेतु आतंकवाद विरोधी कविता)

0
246

कविता: आक्रोश (पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले की निंदा हेतु आतंकवाद विरोधी कविता)

कविता: आक्रोश

बस करो यह नफ़रत के खेल।
कितना बहाओगे खून?
हो गई है रेल- पेल।।
जाति पूछते हो बुज़दिलों इंसानियत को खोकर ।
सीना छलनी कर दिया ,
नफ़रत में मतवाले होकर।।
भूल कर चुके हो
नादान हो तुम।
कौन तुम्हें बचाएगा?
तू कहां भाग कर जाएगा?
तुम इस मुंह को कहां छुपाओगे?
हिंदू को तुमने ललकारा है।
बस उल्टी गिनती शुरू करो तुम।
अब कहीं नज़र नहीं आओगे।
हमको है उस घड़ी की राह,
जब सेनाएं जुट जाएंगी।
चुन-चुनकर आंतकवादी संगठन वो तेरे परखच्चे उड़ाएगी।
लेगा बदला एक- एक बच्चा।
यह हम सबका तुझसे वादा है।
तूने शेर के घर में हाथ दिया है।
वो शेर तूझे ना छोड़ेगा।
तू इतराता है अपने नरसंहार पर।
तू अब मौत को भी तरसेगा।


स्वरचित

सीमा पारीक ‘पुष्प’

अध्यापिका (हिंदी)
रायपुर छत्तीसगढ़


ख़बर एवं विज्ञापन के लिए संपर्क करें- 

9827920291,+917723812880

व्हाटसएप चैनल को फॉलो करें:

https://whatsapp.com/channel/0029VbANW3o5Ui2Rtr9CBP0k

युवा चौपाल के न्यूज़ ग्रुप से जुड़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

https://chat.whatsapp.com/Iu7EQ0Qbv0mKKz6OlqK4LX 

टेलीग्राम चैनल से जुड़ें:

https://t.me/+EU0dWq5Kgtk1MGE1

इंस्टाग्राम:

https://www.instagram.com/yuva_choupal_news?igsh=bnB0OW5mY3M2cjcx

फेसबुक:

https://www.facebook.com/share/17F9rnpXbFP/

ट्विटर:

https://x.com/yuvachoupalnews

इमेल:

yuvachoupalnews@gmail.com

0Shares

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here