खामोश हत्यारा: उच्च रक्तचाप से जंग का जनसंदेश-विश्व उच्च रक्तचाप दिवस 2025: भारत और छत्तीसगढ़ की नज़र से


रायपुर, 17 मई—विश्व उच्च रक्तचाप दिवस हर साल 17 मई को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य लोगों को इस “साइलेंट किलर” यानी मूक हत्यारे के बारे में जागरूक करना है। वर्ष 2025 की थीम “Measure Your Blood Pressure Accurately, Control It, Live Longer” है। यह संदेश देता है कि नियमित जांच और सटीक निगरानी से इस बीमारी को रोका और नियंत्रित किया जा सकता है।
उच्च रक्तचाप: एक अदृश्य खतरा
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के अनुसार, भारत में 30 से 45% वयस्क उच्च रक्तचाप से प्रभावित हैं। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (NFHS-5) की रिपोर्ट दर्शाती है कि 15 वर्ष और उससे अधिक उम्र के पुरुषों में लगभग 24% और महिलाओं में लगभग 21% लोगों को उच्च रक्तचाप है। यह समस्या अधिकतर तब तक सामने नहीं आती जब तक कि वह गंभीर रूप न ले ले।
छत्तीसगढ़ में स्थिति
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM), छत्तीसगढ़ द्वारा 2023 में किए गए एक जनस्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार, राज्य के शहरी क्षेत्रों में उच्च रक्तचाप की दर लगभग 26% है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह 18% पाई गई। राज्य सरकार की ‘मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना’ और ‘हाट-बाजार क्लिनिक योजना’ के अंतर्गत सुदूर अंचलों में नियमित जांच की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।
आधुनिक जीवनशैली और खान-पान की भूमिका
भारतीय चिकित्सा संघ (IMA) और AIIMS नई दिल्ली के विशेषज्ञों का कहना है कि धूम्रपान, शराब का सेवन, उच्च सोडियम युक्त आहार और शारीरिक गतिविधि की कमी उच्च रक्तचाप के प्रमुख कारक हैं। हाल ही में प्रकाशित लांसेट पब्लिक हेल्थ स्टडी (2023) के अनुसार, भारत में अस्वस्थ खानपान और तनाव का उच्च रक्तचाप की वृद्धि में प्रमुख योगदान है।
स्वस्थ आदतों से रोकथाम संभव
विश्व हृदय महासंघ (World Heart Federation) द्वारा सुझाए गए उपायों में दिन में कम से कम 30 मिनट का व्यायाम, फल-सब्जियों से भरपूर आहार, तंबाकू व शराब से परहेज और सात से आठ घंटे की नींद को अत्यंत प्रभावशाली माना गया है।
सरकारी प्रयास और प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा
भारत सरकार की ‘फिट इंडिया मूवमेंट‘, ‘ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन सेवा‘ और ‘राष्ट्रीय गैर-संचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम’ (NPCDCS) जैसे अभियानों के अंतर्गत उच्च रक्तचाप की जांच, परामर्श और दवा वितरण की सुविधा देशभर में सुलभ कराई गई है।
युवा पीढ़ी पर खतरा
इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च (IJMR) की एक 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, 25 से 35 वर्ष के शहरी युवाओं में उच्च रक्तचाप के मामले पिछले एक दशक में दोगुना हो गए हैं। इसके पीछे प्रमुख वजहें हैं—डिजिटल जीवनशैली, अधिक स्क्रीन टाइम, कार्यस्थल का तनाव और अनुचित नींद।
छत्तीसगढ़ में सामाजिक जागरूकता कार्यक्रम
छत्तीसगढ़ सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के साथ मिलकर बस्तर, बिलासपुर और रायपुर जिलों में मोबाइल हेल्थ क्लिनिक और सामुदायिक जागरूकता शिविरों का आयोजन किया है। राज्य में आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित कर ब्लड प्रेशर की नियमित जांच और जागरूकता फैलाने की दिशा में कदम उठाए गए हैं।
विश्व उच्च रक्तचाप दिवस एक अवसर है आत्मनिरीक्षण और सुधार का। यह जरूरी है कि नागरिक स्वास्थ्य के प्रति जिम्मेदारी लें, नियमित जांच कराएं और स्वस्थ जीवनशैली को अपनाएं। भारत जैसे विविधतापूर्ण देश और छत्तीसगढ़ जैसे विकासशील राज्यों में जागरूकता, समय पर पहचान और प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार ही इस अदृश्य खतरे से लड़ने का सबसे प्रभावी हथियार है।
