नई शिक्षा नीति के दौर में स्किल्स की अहमियत पर खास व्याख्यान, हुनर की पहचान: रचनात्मक लेखन और संप्रेषण कौशल पर जोर


जिंदगी में आगे बढ़ने, ऊँचा मुकाम हासिल करने के लिए व्यक्ति के पास विभिन्न प्रकार की रकील्स का होना जरूरी है, ये स्कील्स ही एक व्यक्ति को दूसरे से अलग करती है और उसे विशिष्ट बनाती है। नयी शिक्षा नीति 2020 में इसीलिए स्कील्स पर बहुत जोर दिया गया है।
छात्र पढ़ाई के साथ ही साथ अपनी स्कील्स को बढ़ाने, परिमार्जित करने की ओर विशेष ध्यान दें तभी वे सफलता की सीढ़ियों चढ़ पाएंगे। ये कहना था अग्रसेन महाविद्यालय पुरानी बस्ती रायपुर की अंग्रेजी विभाग की प्राध्यापिका डॉ. डॉली पाण्डे का जो आज शासकीय नवीन महाविद्यालय गुद्धिवारी रायपुर के हिन्दी विभाग की ओर से आयोजित व्याख्यान माला जिसका विषय था संप्रेषण कौशल और रचनात्मक लेखन में विशिष्ट वक्ता की हैसियत से बोल रही थीं।
डॉ. पाण्डे ने कहा की आज विजुअल कम्यूनिकेशन का जमाना है, इस दिशा में रोजगार के बहुत अबसर हैं, लेकिन छात्रों का ध्यान इस ओर नहीं है। इसके लिए आपका कम्यूनिकेशन स्कील पर कमाण्ड होना जरूरी है। आपकी हिन्दी भाषा के साथ ही साथ अंग्रेजी भाषा पर भी कमाण्ड होना जरूरी है जो बहुत मुश्किल नहीं है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दिल्ली से पधारे देशकाल सोसायटी के सचिव श्री संजय कुमार ने कहा कि छत्तीसगढ़ में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। ये जमीन रचनात्मक रूप से बहुत उर्वर जहाँ ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त कवि श्री विनोद कुमार शुक्ल आपके शहर रायपुर में ही रहते हैं जिनकी लेखनी की अपनी निजी विशिष्टता है, जो किसी और की नकल नाहीं है।
दिल्ली ही नहीं वरन् विश्व में उनकी अलग महवान है, जो मुक्तिबोध, श्रीकांत वर्मा की कर्मस्थली रही है ऐसे प्रदेश के छात्र राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान नहीं बना पा रहे हैं, जब इसके कारणों पर नज़र ढालते हैं तो ज्ञात होता है कि यहाँ के छात्र स्वयं को ठीक से अभिव्यक्त नहीं कर पाते, उनकी तरक्की की राह में अंग्रेजी रोड़ा बन जाती है।
अंग्रेजी के इस रोड़े को दूर करने की शिद्दत से कोशिश करनी होगी तभी यहाँ के छात्र राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी विशिष्ट पहचान बना सकेंगे। उन्होंने देशकाल सोसायटी के द्वारा आयोजित किए जाने वाले ‘बोधगया ग्लोबल डॉयलॉग के बारे में छात्रों को अवगत करवाया एवं कॉलेज के 20 छात्रों को उक्त डॉयलॉग में शामिल होने हेतु निमंत्रित भी किया जिसके रहने, खाने आदि की व्यवस्था देशकाल सोसायटी के द्वारा वहन की जाएगी की जानकारी भी उन्होंने प्रदान की, साथ ही उन्होंने शासकीय नवीन महाविद्यालय गुढ़ियारी रायपुर के साथ देशकाल सोसायटी का दो साल के लिए एम ओ यू भी किया। इस अवसर पर उन्होंने ‘इमेजिंग बोधगया’ नाम की पिक्टोरियल बुक भी महाविद्यालय को भेंट की।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. मधुलिका अग्रवाल ने छात्रों को संप्रेषण कौशल और रचनात्मक लेखन को मांजने की चक्तियां भी बताई। उन्होंने परीक्षा में कैसे अच्छे नंबर लाए जाएँ की जानकारी प्रदान की।
कार्यक्रम की संयोजिका एवं संचालिका श्री. शासकीय नवीन महाविद्यालय गुद्धिवारी, समपुर के हिन्दी विभाग की अध्यक्षा डॉ. वंदना कुमार। धन्यवाद ज्ञापन किया महाविद्यालय की वाणिज्य विभाग की प्राध्यापिका डॉ. स्मिता वर्षे ने। इस अवसर पर महाविद्यालय के बी. ए. बी. एस-सी. बी. कॉम. द्वितीय सेमेस्टर के समस्त छात्र-छात्राएं एवं महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक डॉ. सुधा मिश्रा डॉ. आशा दुबे, श्री लोकेश सतपथी, श्रीमती मधु उर्वशा, डॉ. कुसुम चन्द्राकर आदि उपस्थित थे।
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