राष्ट्रीय डेंगू दिवस: एक गंभीर जन-स्वास्थ्य चुनौती पर जागरूकता की पहल

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राष्ट्रीय डेंगू दिवस: एक गंभीर जन-स्वास्थ्य चुनौती पर जागरूकता की पहल

(भारत और छत्तीसगढ़ के विशेष परिप्रेक्ष्य में)

भूमिका

भारत में हर वर्ष 16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस (National Dengue Day) मनाया जाता है। यह दिवस केवल एक तिथि भर नहीं, बल्कि एक संदेश है — सतर्क रहो, सुरक्षित रहो। इसका उद्देश्य डेंगू जैसी जानलेवा बीमारी के प्रति आम नागरिकों को सतर्क करना और समय पर रोकथाम के उपायों को अपनाना है।

डेंगू, जो एक वायरल संक्रमण है, हर वर्ष लाखों लोगों को प्रभावित करता है। यह बीमारी मच्छर Aedes aegypti के माध्यम से फैलती है और यदि समय पर इलाज न मिले, तो यह जानलेवा भी सिद्ध हो सकती है। भारत जैसे उष्णकटिबंधीय देश में यह एक बड़ी स्वास्थ्य चुनौती है।


डेंगू क्या है? – एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण

डेंगू एक वायरल संक्रमण है जो चार प्रकार के डेंगू वायरस (DENV-1, DENV-2, DENV-3, DENV-4) के कारण होता है। जब किसी व्यक्ति को एक प्रकार से संक्रमित किया जाता है और उसके बाद दूसरा प्रकार हमला करता है, तो स्थिति अधिक गंभीर हो सकती है।

प्रमुख लक्षण:

  • अचानक तेज बुखार (104°F या अधिक)

  • सिरदर्द, खासकर आंखों के पीछे

  • मांसपेशियों और जोड़ों में तीव्र दर्द (इसे “हड्डी तोड़ बुखार” भी कहा जाता है)

  • त्वचा पर चकत्ते

  • मतली, उल्टी

  • रक्तस्राव (गंभीर मामलों में)

गंभीर मामलों में यह डेंगू हेमोरेजिक फीवर (DHF) और डेंगू शॉक सिंड्रोम (DSS) में परिवर्तित हो सकता है, जो ICU स्तर की देखभाल की मांग करता है।


डेंगू फैलने का तरीका और जीवन चक्र

डेंगू का वाहक Aedes aegypti मच्छर दिन में सक्रिय होता है और साफ़ पानी में अंडे देता है। इसके जीवनचक्र में 4 चरण होते हैं: अंडा → लार्वा → प्यूपा → वयस्क मच्छर। केवल मादा मच्छर ही काटती है और वायरस फैलाती है।


भारत में डेंगू की स्थिति: 2024 तक के आँकड़े

भारत सरकार के राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (NVBDCP) के अनुसार, डेंगू के मामलों में हाल के वर्षों में काफी उतार-चढ़ाव देखा गया है।

वर्ष दर्ज किए गए मामले दर्ज की गई मौतें
2021 1,93,245 346
2022 2,33,251 306
2023 2,36,189 91
2024 (जनवरी–दिसंबर अनुमानत) 2,54,300+ 114

2024 में डेंगू के मामले 2023 की तुलना में लगभग 7.6% अधिक रहे, और इससे 114 लोगों की मौतें दर्ज की गईं। यह दर्शाता है कि डेंगू की चुनौती अभी भी जीवित है और गंभीर है।

सबसे अधिक प्रभावित राज्य (2024):

  • उत्तर प्रदेश

  • पश्चिम बंगाल

  • दिल्ली

  • महाराष्ट्र

  • तमिलनाडु


छत्तीसगढ़ में डेंगू: राज्य की स्थिति और प्रयास (2024 अपडेट)

National Dungue Day
National Dungue Day

छत्तीसगढ़ में डेंगू की समस्या मानसून के मौसम में विशेष रूप से बढ़ जाती है। राज्य के शहरी क्षेत्र, खासकर औद्योगिक नगरों में, डेंगू के मामले ज्यादा देखने को मिलते हैं।

2024 के आँकड़े (स्वास्थ्य विभाग, छत्तीसगढ़ (अनुमानत)):

  • कुल डेंगू मामले: 5,230+

  • मौतें: 4

  • सबसे अधिक प्रभावित जिले:

    • दुर्ग (1500+ मामले)

    • रायपुर (1100+)

    • राजनांदगांव (700+)

सरकार द्वारा उठाए गए कदम:

  • सभी जिलों में “डेंगू नियंत्रण सप्ताह” का आयोजन

  • ASHA कार्यकर्ताओं द्वारा घर-घर सर्वेक्षण

  • गड्ढों में जमा पानी पर लार्वा रोधी दवा का छिड़काव

  • स्कूलों और कॉलेजों में जागरूकता अभियान

  • हर घर में “डेंगू चेकलिस्ट कार्ड” वितरित करना


रोकथाम और नियंत्रण: आम नागरिकों की भूमिका

सरकार की योजनाएं तभी सफल हो सकती हैं जब आम जनता उसमें सक्रिय भागीदारी करे।

डेंगू से बचाव के लिए अपनाएँ ये उपाय:

  1. पानी जमा न होने दें – कूलर, टंकी, गमले आदि को सप्ताह में एक बार खाली करें।

  2. पूरे कपड़े पहनें – खासकर बच्चों को फुल-स्लीव्स शर्ट और पैंट पहनाएँ।

  3. मच्छरदानी और रिपेलेंट का प्रयोग करें।

  4. सप्ताह में एक दिन ‘ड्राई डे’ मनाएँ, यानी घर के अंदर-बाहर जमा पानी को सूखा रखें।

  5. लक्षण दिखते ही जांच कराएं – बुखार को नजरअंदाज न करें।


शिक्षण संस्थानों की भागीदारी

डेंगू रोकथाम में स्कूलों और कॉलेजों की भूमिका अहम है। कई जिलों में यह देखा गया है कि जब बच्चों को जागरूक किया गया, तो परिवारों में भी बदलाव आया।

स्कूलों में होने वाली गतिविधियाँ:

  • पोस्टर और स्लोगन प्रतियोगिता

  • नुक्कड़ नाटक

  • “एक बच्चा – दस घरों को जागरूक करे” अभियान

  • सफाई अभियान


डेंगू और मीडिया – सूचना की शक्ति

मीडिया का रोल भी डेंगू नियंत्रण में महत्वपूर्ण रहा है। समाचार पत्र, रेडियो, टीवी और सोशल मीडिया के जरिए डेंगू के बारे में जानकारी आम जन तक पहुँची है।

सकारात्मक उदाहरण:

2023 में दुर्ग जिले ने “WhatsApp पर डेंगू रिपोर्टिंग” सुविधा शुरू की, जिससे लक्षण वाले लोगों को त्वरित मदद मिली।


स्वास्थ्य कर्मियों की चुनौतियाँ

ASHA, ANM, और स्वास्थ्य निरीक्षकों को भारी दबाव के साथ काम करना पड़ता है। सीमित संसाधनों में जनजागरूकता, सर्वेक्षण और दवा छिड़काव जैसे कार्यों का भार उन पर होता है।

उनकी मेहनत ही डेंगू नियंत्रण की रीढ़ है, जिसे हमें सम्मान देना चाहिए।


सरकारी योजनाएं और नीतियाँ

राष्ट्रीय डेंगू नियंत्रण रणनीति:

  • समेकित रोग निगरानी कार्यक्रम (IDSP)

  • अर्बन हेल्थ मिशन के अंतर्गत डेंगू पर फोकस

  • राज्यों को फंडिंग और टेक्निकल सहायता

  • मेडिकल कॉलेजों में डेंगू RT-PCR टेस्ट की सुविधा


निष्कर्ष

राष्ट्रीय डेंगू दिवस केवल एक दिन का कार्यक्रम नहीं, यह जन-स्वास्थ्य आंदोलन है। यह हमें याद दिलाता है कि बीमारी पर काबू पाने के लिए सरकार, समाज और नागरिकों को मिलकर कार्य करना होगा। साफ़-सफाई, समय पर जांच, और जागरूकता ही इस बीमारी से हमारी रक्षा कर सकती है।

एक नागरिक के रूप में हमारा संकल्प होना चाहिए:

“मैं अपने घर और आसपास सफ़ाई रखूँगा, डेंगू से बचाव के उपाय अपनाऊँगा और दूसरों को भी जागरूक करूँगा।”

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