समाधान शिविरों के जरिए जनसेवा का नया अध्याय, 50,593 में से 33,216 आवेदनों का गुणवत्तापूर्ण निराकरण

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समाधान शिविरों के जरिए जनसेवा का नया अध्याय, 50,593 में से 33,216 आवेदनों का गुणवत्तापूर्ण निराकरण

सुकमा- सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ में इन दिनों सुशासन तिहार की गूंज है, जिसमें सुकमा जिला भी अपनी सक्रिय भागीदारी निभा रहा है। इस अभियान का उद्देश्य आम जनता की समस्याओं का समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण समाधान करते हुए शासन-प्रशासन को जन-जन तक पहुंचाना है। कलेक्टर देवेश कुमार ध्रुव के निर्देशन और जिला सीईओ नम्रता जैन के मार्गदर्शन में सुकमा जिले में 5 मई से राज्यव्यापी समाधान शिविरों का आयोजन किया जा रहा है।

शिविर में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा ग्रामीणों के ब्लड प्रेशर, सुगर आदि स्वास्थ्य की जांच भी की जा रही है। जरूरत मंद पीड़ितों को जरूरी उपचार कर निरूशुल्क दवाइयां वितरित की जा रही हैं। बड़ी संख्या में ग्रामीण शिविर में उपस्थित होकर शासकीय योजनाओं से लाभान्वित हो रहे हैं।

’सुशासन तिहार का पहला चरण 8 से 11 अप्रैल के बीच सम्पन्न हुआ, जिसमें विशेष तैयारियों के तहत सुकमा जिले में जिला कार्यालय, एसडीएम कार्यालय, तहसील कार्यालय, जनपद पंचायतों, नगरीय निकायों और ग्राम पंचायतों में समाधान पेटियां स्थापित की गईं। इन समाधान पेटियों के माध्यम से जनता से कुल 50593 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें मांग, शिकायतें और समस्याएं दर्ज की गई। शासन की मंशा है कि इन आवेदनों का निराकरण गुणवत्तापूर्ण तरीके से किया जाएगा। इनमें से अब तक कुल 33216 आवेदन पत्रों का  निराकरण किया गया है।

अब तीसरे चरण में 5 मई से 31 मई तक जिले में कुल 39 समाधान शिविर आयोजित किए जा रहे हैं, जिनमें नगरीय क्षेत्र के 13 और ग्रामीण क्षेत्र के 26 शिविर शामिल हैं। इन शिविरों में न सिर्फ जनसमस्याओं का समाधान किया जा रहा है, बल्कि जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी जा रही है। साथ ही हितग्राहीमूलक योजनाओं के फॉर्म भी वितरित किए जा रहे हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग शासकीय योजनाओं का लाभ उठा सकें।

’यह अभियान न केवल समस्याओं के समाधान तक सीमित है, बल्कि यह सुशासन की संस्कृति को गांव-गांव और घर-घर तक पहुंचाने का प्रयास है। आम जनता को शासन की योजनाओं और सुविधाओं की जानकारी मिल रही है, और उनकी शिकायतों का समयबद्ध निराकरण किया जा रहा है। इससे जनता और प्रशासन के बीच की दूरी कम हुई है और भरोसा मजबूत हुआ है। आकांक्षी जिला सुकमा में चल रहा समाधान शिविर निश्चित रूप से छत्तीसगढ़ में जनसेवा का नया अध्याय लिख रहा है।

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