भागलपुर । कोसी नदी पर एनएच-106 के बिहपुर से फुलौत तक बन रहे बिहार के सबसे लंबे पुल का एक हिस्सा शुक्रवार देर रात क्षतिग्रस्त हो गया। त्रिमुहान घाट के पास निर्माण स्थल पर करीब 40 फीट पुल का हिस्सा उस समय टूट गया, जब एक वोल्वो लोडर से भारी सिगमेंट ले जाते वक्त मशीन का प्रेशर पंप पाइप फट गया।


हादसे में पांच सिगमेंट क्षतिग्रस्त, एक नदी में गिरा
जानकारी के अनुसार, रात करीब दो बजे हरिओ से फुलौत की ओर एक विशाल सिगमेंट को वोल्वो लोडर के जरिए पुल पर ले जाया जा रहा था। तभी तकनीकी खराबी के कारण रस्सी टूट गई और सिगमेंट पुल पर जा गिरा। इससे पांच सिगमेंट क्षतिग्रस्त हो गए, जबकि एक सिगमेंट सीधे कोसी नदी में समा गया।
गनीमत रही कि हादसे के समय कोई श्रमिक मौके पर मौजूद नहीं था, जिससे मानव हानि टल गई। उल्लेखनीय है कि इस स्थान पर पूर्व में भी दुर्घटना हो चुकी है, जिससे निर्माण कार्य की गुणवत्ता और सुरक्षा पर सवाल उठते रहे हैं।
बिहार का सबसे लंबा पुल बन रहा है
यह पुल एनएच-106 मिसिंग लिंक परियोजना का हिस्सा है, जिसकी कुल लंबाई 6.94 किमी होगी। दोनों ओर 21.988 किमी सड़क निर्माण भी प्रस्तावित है। यह परियोजना करीब 996 करोड़ रुपये की लागत से बन रही है और इसे 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य है।
इस पुल का निर्माण पूरा होने पर यह उत्तरी और दक्षिणी बिहार को जोड़ने वाली अहम कड़ी बनेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी आधारशिला वर्ष 2020 में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए रखी थी।
कंपनी ने शुरू किया पुनर्निर्माण
घटना के बाद निर्माण कार्य की जिम्मेदार एफकॉन कंपनी के इंजीनियर और अधिकारी मौके पर पहुंचे। जांच के बाद क्षतिग्रस्त हिस्से के पुनर्निर्माण का कार्य युद्धस्तर पर शुरू कर दिया गया है। हालांकि, इस घटना ने निर्माण की तकनीकी निगरानी और सेफ्टी स्टैंडर्ड पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
क्या सवाल उठते हैं?
सुरक्षा उपायों की अनदेखी क्यों?
पूर्व की घटनाओं से सबक क्यों नहीं लिया गया?
क्या तय समय पर पूरा होगा प्रोजेक्ट?
यह हादसा सिर्फ एक तकनीकी चूक नहीं, बल्कि करोड़ों की परियोजना पर मंडराते खतरे का संकेत भी है।
