कविताएँ

spot_imgspot_img

आज की कविता: एक कोना

आज की कविता: एक कोना तुम्हारी जिंदगी का हूं मैं, सिर्फ एक कोना। जहां तुमने अपने गुनाहों को था रख छोड़ा। संभाला नहीं उनको, जो कभी तुमने...

आज की कविता: भोर

आज की कविता: भोर भोर की बेला में तुम संग वादा किया था। जीवन भर यह साथ निभाना तुमने मुझे कहा था। हम चले संग ले तुमको...

आज की कविता: ज़िन्दग़ी

आज की कविता ज़िन्दग़ी ज़िन्दगी किस मोड़ पर आकर खड़ी हो गई है? चारों तरफ़ तन्हाई, तन्हाई और तन्हाई है। हमसफ़र शब्द बेमानी हो गया है। झूठ,छल,कपट का पर्याय...

श्रमिक दिवस विशेष कविता: श्रमिक की प्रार्थना सीमा पारीक (पुष्प)

आज की कविता: श्रमिक की प्रार्थना खाने को नहीं चना चबेना। पहरन को नहीं जामा है। बस एक ही विश्वास है। संग में मेरे रामा है। बच्चे बिलख बिलख कर...

आज की कविता: ज़ख्म

  आज की कविता: ज़ख्म वह लड़की सीधी सी थी। कुछ सपने थे, जिन्हें संजोए बड़ी हुई थी। दोस्तों की उसको पहचान नहीं थी। क्योंकि वह लड़की सीधी सी...

कविता “गौरेया”

कविता "गौरेया" बचपन का याद है वह झरोखा। जहां बिछाकर कागज बनाया था तेरा बिछौना। वह गर्मी की छुट्टियां, जब तपती थीं घर की पट्टियां । तू तिनका लेकर आती...

कविता: आक्रोश (पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले की निंदा हेतु आतंकवाद विरोधी कविता)

कविता: आक्रोश (पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले की निंदा हेतु आतंकवाद विरोधी कविता) कविता: आक्रोश बस करो यह नफ़रत के खेल। कितना बहाओगे खून? हो गई है...

Subscribe

- Never miss a story with notifications

- Gain full access to our premium content

- Browse free from up to 5 devices at once

Must read

spot_img

सच्ची खबर, स्पष्ट विचार – Yuva Choupal News

X
error: Content is protected !!