कोंडागांव। आपात काल के 50 वर्ष पूर्ण होने पर संस्कृति विभाग एवं जिला प्रशासन द्वारा आज स्थानीय ऑडिटोरियम में संविधान हत्या दिवस मनाया गया। इस अवसर पर पर आपातकाल के दौरान घटित घटनाओं पर आधारित फोटो प्रदर्शनी और फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया।


कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बस्तर विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष एवं कोंडागांव विधायक लता उसेंडी ने आपात काल के दौरान घटी घटनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि तत्कालीन सरकार ने पद पर बने रहने के लिए 25 जून 1975 को आपात काल लगाया। आपातकाल के दौरान कई प्रतिबंध लगाई गई, जिससे सभी वर्ग के लोगों को कई यातनाएं झेलनी पड़ी। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को इस घटना के बारे में अध्ययन करने की जरूरत है, ताकि इसके बारे में जान सकें। उन्होंने कहा कि आपातकाल के दौरान हमारे पूर्वजों ने बहुत सी यातनाएं झेली, लेकिन देश में लोकतंत्र को अक्षुण्ण रखने के लिए उन्होंने कोई समझौता नहीं किया और भारत को विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में गौरव करने का अवसर दिया। उन्होंने कहा कि विपरीत परिस्थितियों में भी हमारे पूर्वजों ने हार नहीं मानी और हमें एक लोकतांत्रिक देश प्रदान किया, जहां लोगों के पास ही सबसे बड़ी शक्ति है।
नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष नरपति पटेल और पूर्व विधायक सेवक राम नेताम ने भी आपात काल पर अपनी बात रखते हुए आपातकाल को लोकतंत्र की हत्या बताते हुए कहा कि इस दौरान लोगों की मौलिक अधिकार के साथ प्रेस की आजादी छीन ली गई। कई लोगों को जेल जाना पड़ा और लंबे समय तक परेशानियों का सामना करना पड़ा।
विधायक लता उसेण्डी सहित सभी अतिथियों ने आपात काल के दौरान घटित विभिन्न घटनाओं पर आधारित फोटो प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। इस अवसर पर कलेक्टर नुपूर राशि पन्ना, जिला पंचायत की अध्यक्ष रीता शोरी, नगर पालिका परिषद के उपाध्यक्ष जसकेतू उसेण्डी सहित स्थानीय जनप्रतिनिधिगण और बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
