रायपुर । छत्तीसगढ़ की राजधानी में अरबों की बेशकीमती जमीन को लेकर शासन ने बड़ा कदम उठाया है। राजभवन और आकाशवाणी मंदिर के सामने स्थित पांच एकड़ से ज्यादा जमीन, जो अब तक यूनाइटेड चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया ट्रस्ट (CNI) के कब्जे में थी, अब सरकारी नियंत्रण में वापस आ गई है।


100 साल पुरानी लीज खत्म, कब्जा नहीं छोड़ा
यह जमीन साल 1922 में चर्च ट्रस्ट को 100 साल के लीज एग्रीमेंट पर दी गई थी, जिसकी मियाद 2022 में खत्म हो चुकी थी। लीज खत्म होने के बावजूद ट्रस्ट ने जमीन खाली नहीं की थी और कमर्शियल गतिविधियों के जरिये आय अर्जित कर रहा था। इसको लेकर हिंदू स्वाभिमान संगठन ने राजस्व न्यायालय में याचिका दायर की थी।
कोर्ट का आदेश, प्रशासन की त्वरित कार्रवाई
लंबी सुनवाई के बाद राजस्व न्यायालय ने CNI ट्रस्ट को जमीन खाली करने का आदेश दिया और जिला प्रशासन को जमीन अधिग्रहण के निर्देश दिए। आदेश के कुछ दिनों बाद ही रायपुर जिला प्रशासन ने गॉस मेमोरियल ग्राउंड सहित पूरी जमीन को अपने कब्जे में ले लिया।
सिविल लाइन में 35 एकड़ से अधिक चर्च लीज भूमि
जानकारी के अनुसार, रायपुर की सिविल लाइन क्षेत्र में लगभग 35 एकड़ जमीन अलग-अलग चर्च ट्रस्टों को लीज पर दी गई थी, जिनमें से अधिकतर की लीज अब समाप्त हो चुकी है। फिर भी कई जगह ट्रस्ट अब भी काबिज है और निजी लाभ के लिए उपयोग कर रहा है।
खेल और सार्वजनिक उपयोग में लाई जाएगी जमीन
रायपुर कलेक्टर ने स्पष्ट किया कि खाली कराई गई जमीन को संरक्षित कर वहां खेलकूद और अन्य सार्वजनिक सुविधाओं के लिए उपयोग में लाया जाएगा। अब यह भूमि खेल मैदान और सार्वजनिक पार्क के रूप में तैयार की जाएगी ताकि आम नागरिकों को इसका सीधा लाभ मिले।
हिंदू संगठनों की मांग: बाकी जमीनें भी कब्जा मुक्त हों
हिंदू स्वाभिमान संगठन ने प्रशासन की कार्रवाई का स्वागत करते हुए कहा कि यह एक जरूरी और साहसी कदम है। संगठन ने यह भी मांग की है कि जिन अन्य चर्च ट्रस्टों ने सरकारी लीज पर मिली जमीनों को बेचा या निजी उपयोग में लिया है, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए और बची हुई लीज को रद्द कर जमीनें सार्वजनिक उपयोग में लाई जाएं।
सरकार की यह कार्रवाई छत्तीसगढ़ में लीज की मियाद खत्म होने के बावजूद कब्जा किए हुए भूखंडों पर शिकंजा कसने की दिशा में एक अहम संकेत है।
