बिलाईगढ़ । बिलाईगढ़ राजस्व अनुभाग के दुमहानी ग्राम पंचायत में एक बुजुर्ग परिवार को बेदखली नोटिस दिए जाने के बाद पूरा परिवार सदमे में है। लगातार हो रही बारिश के बीच बेघर होने की आशंका ने उनके हालात को और भी बदतर बना दिया है। अब परिवार ने प्रशासन से मानवीय आधार पर हस्तक्षेप और न्याय की गुहार लगाई है।


80 वर्षों से निवास, टैक्स भी अदा करते हैं
ग्राम पंचायत की सरपंच विमला कुर्रे और ग्राम पटेल रामनाथ कुर्रे के अनुसार, पीड़ित परिवार पिछले 80 वर्षों से उसी स्थान पर निवास कर रहा है, और नियमित रूप से मकान टैक्स अदा करता आया है। पीड़ित ने भी बताया कि उन्होंने पुराने जर्जर मकान को तोड़कर नया मकान बनाया, न कि किसी नई जमीन पर कब्जा किया।
कोटवारी जमीन को लेकर विवाद
विवाद की जड़ उस कोटवारी जमीन को लेकर है, जिसे निराबाई नामक महिला द्वारा खरीदा गया है। निराबाई ने पहले रास्ते की मांग को लेकर राजस्व विभाग में शिकायत दर्ज कराई थी। मामले की जांच के लिए जब राजस्व विभाग की टीम पहुंची, तो ग्रामीणों की मौजूदगी में 19 फीट चौड़े रास्ते पर सहमति बनी और उसका पंचनामा तैयार किया गया।
पंचनामे में निराबाई के अन्य रिश्तेदारों ने भी हस्ताक्षर किए थे, लेकिन भूलवश खुद निराबाई हस्ताक्षर नहीं कर पाई। इसी तकनीकी चूक को आधार बनाकर अब निराबाई ने दोबारा शिकायत कर पीड़ित परिवार के मकान को “अवैध कब्जा” बताकर अतिक्रमण हटाने की मांग की है।
एकतरफा कार्रवाई का आरोप
इस शिकायत के आधार पर नायाब तहसीलदार ने बिना पूरी पड़ताल किए एकतरफा रूप से बेदखली नोटिस जारी कर दिए, जिससे पीड़ित परिवार सदमे में है। पंचायत प्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने इसे अन्यायपूर्ण और अमानवीय कदम बताया है।
सरकारी जमीन पर बसी है पूरी बस्ती
ग्रामीणों की मानें तो दुमहानी गांव की अधिकांश बस्ती शासकीय जमीन पर बसी हुई है, जिसे सरकार ने अब तक आबादी घोषित नहीं किया है। ऐसे में सिर्फ एक परिवार को निशाना बनाकर बेदखल करना भेदभावपूर्ण और अन्यायपूर्ण है।
सरपंच और ग्रामीणों की अपील
सरपंच, पटेल और गांव के अन्य लोगों ने प्रशासन से अपील की है कि मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए पीड़ित परिवार का मकान न तोड़ा जाए और मामले में निष्पक्ष, न्यायसंगत कार्रवाई की जाए।
इस घटनाक्रम ने प्रशासन की कार्यप्रणाली और ग्रामीण न्याय प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना यह है कि शासन इस विवाद में जनता के भरोसे को कायम रखते हुए कैसे हस्तक्षेप करता है।
