भारतीय क्रिकेट टीम ने युवा कप्तान शुभमन गिल के नेतृत्व में पांच टेस्ट मैच की सीरीज के दूसरे मैच में इंग्लैंड को एजबेस्टन में ३३६ रन से हराकर कमाल कर दिया। किसी को यकीन नहीं था कि पहला मैच हारने के बाद भारतीय टीम दूसरे मैच में ऐसा कमाल करेगी। टीम में बुमराह,विराट कोहली, रोहित शर्मा के न रहने पर ऐसा कमाल करेगी। जिस मैदान में इंग्लैंड की टीम को एशिया के किसी देश की टीम नहीं हरा पाई थी, जिस मैदान में इंग्लैंड की टीम अपराजेय थी, उस मैदान में भारतीय क्रिकेट टीम ने कमाल करेगी। किसी को उम्मीद नहीं थी कि इंग्लैंड में शुभमन गिल के नेतृत्व में भारतीय टीम अच्छा प्रदर्शन कर पाएगी, पहले मैच में भारत के हारने पर लगा यही सच है कि भारतीय टीम इंग्लैंंड की टीम को नहीं हरा सकती।लेकिन दूसरे मैच में भारत ने कमाल कर दिया।


पहला मैच जीतने पर इंग्लैंड टीम व उसके कोच को घमंड हो गया कि हम भारत से बेहतरीन टीम है, हमको हमारे मैदान में भारत के लिए हराना सपने देखने जैसा है। देखा जाए तो पहले मैच में भारत ने बल्लेबाजी में अच्छा प्रदर्शन किया था। दोनोे पारी में भारत ने चार सौ से ज्यादा रन बनाए थे। दोनों पारी में बालिंग दूसरी पारी में अच्छी नहीं की थी, बालिंग अच्छी न कर पाने के कारण इंग्लैंड की टीम जीत गई थी।४०० रन बनाकर जीतना आसान नहीं होता लेकिन बालिंग अच्छी न हो तो यह कोई मुश्किल काम नहीं था, इंगलैंड ने ४०० से ज्यादा रन बनाकर मैच जीत लिया और मान लिया कि वह भारत से अच्छी टीम है और भारत को हर मैच में इसी तरह हरा सकती है।
अच्छा तो वही टीम खेलती है जो अपनी गलतियों से सबक लेती है और वैसी गलती दोबारा नहीं करती है। दूसरे मैच में बुमराह नहीं थे टीम में, उनकी जगह आकाशदीप को मौका मिला था।आकाशदीप पर किसी को भरोसा नहीं था कि वह कुछ कर पाएगा लेकिन कप्तान शुभमन गिल को उनको भरोसा था कि उनको मौका मिला है तो वह जरूर इसका फायदा उठाएगा और ऐसा ही हुआ।कई लोगों ने दूसरी पारी में आकाशदीप को मौका देकर सिराज को मौका न देने पर शुभमन की आलोचना की थी लेकिन आखिर में सही शुभमन साबित हुए।
आकाशदीप में पहली पारी में ४ और दूसरी पारी में ६ विकेट लेकर बता दिया कि वह क्या कर सकते है। किसी मैच मे दस विकेट लेना कोई आसान काम नहीं होता है।पहली पारी में सिराज ने छह व आकाशदीप ने चार विकेट लिए थे तो दूसरी पारी में आकाशदीप ने वही काम किया। दूसरी पारी में विकेट जल्दी गिरने पर ही भारत की चमत्कारिक जीत हुई है। इंग्लैंड़ की बैटिंग लाइन को आकाशदीप ने जिस तरह तहसनहस किया वह बरसों लोगों का याद रहेगा की भारत के एक गेंदबाज के सामने किस तरह इंग्लैंड के बल्लेबाज खेल नहीं पा रहे थे और बोल्ड हो रहे थे। भारतीय गेंदबाज भी अच्छा प्रदर्शन कर सके इसके लिए जमीन तो कप्तान शुभमन गिल ने तैयार कर दी थी। उन्होंने दोनों पारियों मे बेहतरीन बल्लेबाजी कर ४३० रन बनाए। उनकी बेहतरीन बल्लेबाजी से दूसरे बल्लेबाजों को भी प्रेरणा मिली और उन्होने भी कप्तान का पूरा साथ दिया। सभी के सहयोग से ही भारत ने इंग्लैंड को जीत के लिए ६०४ रन का लक्ष्य दिया।
यह लक्ष्य इतना बड़ा था कि इंग्लैंड की टीम जीतने की जगह मैच ड्रा कराने के लिए खेलने उतरी और आकाशदीप के सटीक बालिंग के सामने टिक नहीं सकी और मात्र २७१ रन बनाकर आलआउट हो गई। यह जीत चमत्कार जैसी थी, किसी को उम्मीद नहीं थी भारत जीत सकता है लेकिन भारत ने ऐतिहासिक जीत दर्ज कर बता दिया कि गिल की कप्तानी में भारतीय क्रिकेट के नए युग का शुरुआत हुई है, उसकी पहले मैच में हार जरूर हुई लेकिन दूसरे मैच से भारत ने साबित कर दिया है कि वह किसी टीम को हरा भी सकती है।
इंग्लैंड व भारत के कप्तान की बैटिंग की तुलना की जाए तो शुभमन गिल ने एक मैच मे ४३० रन बनाए हैं तो बेन स्टोक्स ने सौ रन नहीं बनाए। कप्तानी पहले मैच में शुभमन गिल ने ठीक की थी लेकिन गेंदबाज दूसरी पारी में इंग्लैंड की टीम को आउट ही न कर सके।यह टीम की कमजोरी थी, कप्तान की नहीं। कप्तान शुभमन ने दूसरे मैच में पहले मैच से ज्यादा अच्छी कप्तानी की। उन्होंने खुद अच्छा खेलकर टीम को अच्छा खेलने के लिए प्रेरित किया और इसका परिणाम सबके सामने हैं। जीत का श्रेय भी शुभमन ने अपने को देने की जगह टीम को दिया है।यह एक अच्छे कप्तान की निशानी है। अच्छा कप्तान वह नहीं होता है जो खुद बहुत अच्छा खेले, अच्छा कप्तान वह होता है जो खुद अच्छा खेलकर पूरी टीम को अच्छा खेलने के लिए प्रेरित करता है।
