रायपुर । जैन संवेदना ट्रस्ट इस वर्ष जीवदया, मानव कल्याण व साधर्मिक भक्ति का चातुर्मास मनाएगा। महेन्द्र कोचर व विजय चोपड़ा ने बताया कि जियो और जीने दो भगवान महावीर स्वामी ने मूलमंत्र विश्व को दिया है। चातुर्मास काल में दया करूणा अहिंसा भाईचारा के गुणों का हमारे जीवन में विकास होना चाहिये।


जैन संवेदना ट्रस्ट ने साधर्मिक भक्ति जागरूकता अभियान चलाने का निर्णय किया है। ट्रस्ट का मानना है कि पूरे देशभर में चातुर्मास में प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से अनुमानित 2000 करोड़ रुपये खर्च होते हैं। जैन संवेदना ट्रस्ट चातुर्मास समितियों से पत्र लिखकर आग्रह करेगा कि इस खर्च में 10 प्रतिशत की कटौती कर उस बचत राशि का साधर्मिक भाई बहनों के व्यवसायिक व सामाजिक उत्थान में सहयोग करे।
जैन संवेदना ट्रस्ट चातुर्मास में मूक पशु पक्षियों की सेवा , मानव सेवा के अंतर्गत श्रवण यन्त्र , कृत्रिम हाथ , कैलिपर्स , वैशाखी , बी पी नापने की मशीन , शुगर टेस्टिंग मशीन का निःशुल्क वितरण तथा मानव कल्याण में साधर्मिक भाई बहनों के स्वावलंबी जीवन , व्यवसायिक उत्थान व विवाह योजना पर कार्य करेंगे । जैन संवेदना ट्रस्ट के महेन्द्र कोचर व विजय चोपड़ा ने इस अवसर पर कहा कि मानवता की सेवा जीवन का सर्वोत्तम कार्य है । जीवन भर सुनने के बाद जब बुढ़ापे में कम सुनाई देने लगता है तो बड़ी समस्या पैदा हो जाती है । इस वक़्त श्रवण यन्त्र ही बड़ा सहारा होता है।
जैन संवेदना ट्रस्ट द्वारा गूंगे बहरे लोगों का परीक्षण कर श्रवण यंत्र का वितरण किया जावेगा । जैन संवेदना ट्रस्ट के चन्द्रेश शाह व महावीर कोचर ने बताया कि चातुर्मास में बुजुर्गों व बच्चों को श्रवण यन्त्र , कृत्रिम हाथ , जयपुर पैर कैलिपर्स बैशाखियों का वितरण व साधर्मिक परिवारों को बी पी शुगर मशीनों का सहयोग किया जावेगा ।
