कबीरधाम पुलिस ने किया 8 साल पुराने हत्याकांड का पर्दाफाश, आरोपी गिरफ्तार

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पुलिस ने सुलझाया जटिल मामला, पूर्व ड्राइवर निकला कातिल

कवर्धा । कबीरधाम जिले की पुलिस ने वर्ष 2017 में हुए चर्चित डॉक्टर दंपति दोहरे हत्याकांड का आखिरकार रहस्योद्घाटन कर लिया है। पुलिस की सटीक विवेचना और वैज्ञानिक जांच के आधार पर सामने आया कि हत्या किसी बाहरी शातिर अपराधी ने नहीं, बल्कि डॉक्टर के पूर्व ड्राइवर सत्यप्रकाश साहू ने की थी — और वो भी एक घरेलू विवाद के साक्षी बनने के बाद खुद डर के चलते।

घटना की पृष्ठभूमि:

6 अप्रैल 2017 को शहर के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. गणेश सूर्यवंशी और उनकी पत्नी डॉ. उषा सूर्यवंशी का शव उनके निवास पर रक्तरंजित हालत में मिला था। प्रारंभिक जांच में कोई ठोस सुराग नहीं मिल पाने के कारण यह केस वर्षों तक अंधेरे में रहा।

राजनांदगांव रेंज के आईजी अभिषेक शांडिल्य (IPS) के निर्देशन और एसपी धर्मेन्द्र सिंह (IPS) की निगरानी में गठित विशेष जांच दल ने इस सालों पुराने केस को प्राथमिकता पर लेते हुए फिर से खंगालना शुरू किया।

जुर्म का खुलासा ऐसे हुआ:

जांच के दौरान पता चला कि सत्यप्रकाश साहू, जो पहले डॉक्टर दंपति का ड्राइवर रह चुका था, आर्थिक तंगी के कारण वापस डॉक्टर से उधार की रकम मांगने पहुंचा। उसी दौरान वह पति-पत्नी के बीच हिंसक झगड़े का गवाह बना, जिसमें पहले डॉ. सूर्यवंशी ने पत्नी पर हमला किया और बाद में पत्नी ने जवाबी वार किया। लेकिन घायल पत्नी जब जमीन पर गिरी, तो डॉक्टर ने फिर से वार कर उसकी हत्या कर दी।

स्थिति बिगड़ते देख और खुद को खतरे में पाकर सत्यप्रकाश ने डॉ. सूर्यवंशी पर पत्थर से वार कर दिया, जिससे उनकी मौत हो गई। इसके बाद उसने शवों को आंगन में खींचा, खून के निशान साफ किए और रातभर वहीं रुका, ताकि किसी को शक न हो।

अगली सुबह वह बस से दुर्ग चला गया और डॉक्टर का मोबाइल गंडई में गिरवी रख दिया। दो दिन बाद वापस लौटा और घटना स्थल का भीड़ में शामिल होकर निरीक्षण भी किया।

14 घंटे की मनोवैज्ञानिक पूछताछ में टूटा आरोपी

वैज्ञानिक विश्लेषण, सीसीटीवी, साक्ष्य और मनोवैज्ञानिक तकनीकों के जरिए पुलिस ने सत्यप्रकाश को चिह्नित किया। 14 घंटे की गहन पूछताछ के बाद उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया।

पुरस्कार की घोषणा

आईजी अभिषेक शांडिल्य (IPS) द्वारा ₹30,000 और एसपी धर्मेन्द्र सिंह (IPS) द्वारा ₹10,000 की इनामी राशि की घोषणा की गई, जिन्होंने सुराग देने या गिरफ्तारी में मदद की।

कबीरधाम पुलिस की उपलब्धि

यह केस जिले का सबसे चुनौतीपूर्ण दोहरा हत्याकांड माना गया, जिसे तकनीकी दक्षता, वैज्ञानिक विवेचना और मानसिक धैर्य के बल पर सुलझाया गया। हाल ही में कबीरधाम पुलिस ने 10 वर्षों से अधिक पुराने कई अंधे हत्याकांडों को भी हल किया है, जो जनसुरक्षा और न्याय के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

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