देशभर में मानसून की भारी बारिश से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है। कई राज्यों में जलभराव, बाढ़ और भूस्खलन के कारण हालात गंभीर बने हुए हैं। मौसम के बदले मिजाज ने जहां कुछ राहत दी है, वहीं कई इलाकों में लोगों की परेशानी भी बढ़ गई है।


असम के गोलाघाट ज़िले में मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एक स्कूल में बनाए गए बाढ़ राहत शिविर का दौरा किया। उन्होंने बाढ़ प्रभावित लोगों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनीं और अधिकारियों को जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने बताया कि स्थिति नियंत्रण में है और लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। स्थानीय लोगों ने नदी कटाव पर नियंत्रण की मांग रखी है, जिस पर मुख्यमंत्री ने जल्द कार्यवाही का भरोसा दिलाया।
मध्य प्रदेश में पिछले 48 घंटों से लगातार भारी बारिश हो रही है। प्रदेश में 1 जून से 12 जुलाई के बीच औसत से 75% अधिक वर्षा दर्ज की गई है। पूर्वी मध्य प्रदेश में यह आंकड़ा 97% और पश्चिमी हिस्से में 54% अधिक है। खजुराहो में 9 घंटे में 6.3 इंच और शहडोल के ब्योहारी में 24 घंटे में 10 इंच बारिश दर्ज की गई। बाणसागर डैम के सात गेट खोल दिए गए हैं। चित्रकूट में मंदाकिनी नदी के रामघाट और भरतघाट सहित सभी प्रमुख घाट जलमग्न हो चुके हैं। कई घरों और दुकानों में पानी भर गया है, जिससे लोग नाव की मदद से सुरक्षित स्थानों पर जा रहे हैं।
राज्य के अन्य जिलों जैसे भोपाल, गुना, नर्मदापुरम, रायसेन, शिवपुरी, सागर और सतना में भी तेज बारिश का सिलसिला जारी है। शनिवार को छतरपुर जिले में सबसे अधिक वर्षा दर्ज की गई।
देश के अन्य हिस्सों की बात करें तो दिल्ली के कई इलाकों में भारी बारिश हुई है। राजस्थान के अजमेर में जलभराव के चलते सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ है। पश्चिम बंगाल के बीरभूम ज़िले के सैंथिया शहर, गुजरात के बनासकांठा, और उत्तराखंड के देहरादून में भी बारिश के कारण लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। चंडीगढ़-मनाली राजमार्ग पर पंडोह के पास भूस्खलन के कारण सड़क बाधित हो गई है, जहां मरम्मत कार्य जारी है।
बारिश ने एक तरफ जहां गर्मी से राहत दी है, वहीं दूसरी ओर इससे बनी आपात स्थितियों से निपटने के लिए प्रशासन को लगातार सक्रिय रहना पड़ रहा है।
