रायपुर । उदयपुर स्थित नारायण सेवा संस्थान, जो पिछले चार दशकों से दिव्यांगों की सेवा में समर्पित है, अब छत्तीसगढ़ की राजधानी में जीवन बदलने वाला शिविर आयोजित करने जा रहा है। संस्थान द्वारा 24 अगस्त को वीआईपी रोड, विशाल नगर स्थित शगुन फार्म में सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक निःशुल्क नारायण लिंब एवं कैलीपर्स फिटमेंट कैम्प का आयोजन होगा।


शिविर का उद्घाटन समारोह सुबह 11 बजे होगा। इस अवसर पर 382 दिव्यांगजन, जिन्हें 13 अप्रैल को आयोजित निःशुल्क मेजरमेंट कैंप में चयनित किया गया था, जर्मन टेक्नोलॉजी से निर्मित कृत्रिम अंग पाकर अपने पैरों पर खड़े होंगे और नई जिंदगी की ओर कदम बढ़ाएँगे।
40 वर्षों से निरंतर सेवा
संस्थान के मीडिया एवं जनसंपर्क निदेशक भगवान प्रसाद गौड़ ने बताया कि नारायण सेवा संस्थान बीते 40 वर्षों से लाखों दिव्यांगों को देश-विदेश में उनके ही शहर और घर के पास सेवा पहुंचा रहा है। उन्होंने कहा, “हर समृद्ध समाज की शक्ति उसके प्रत्येक नागरिक में बसती है। जब दिव्यांग सशक्त होते हैं तो देश की प्रगति का रथ और गतिमान हो जाता है।”
इस अवसर पर शिविर प्रभारी हरि प्रसाद लड्ढा, आश्रम प्रभारी भरत पालीवाल और हेमंत मेघवाल ने भी पोस्टर जारी किया।
उम्मीद और आत्मनिर्भरता की सौगात
निदेशक गौड़ ने बताया कि यह शिविर केवल कृत्रिम अंग वितरण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह उम्मीद, आत्मनिर्भरता और मुस्कान लौटाने का अभियान है। जिनकी दुनिया किसी हादसे के बाद ठहर गई थी, वे अब फिर से जीवन की दौड़ में शामिल हो सकेंगे।
संस्थान की उपलब्धियां
नारायण सेवा संस्थान 1985 से “नर सेवा ही नारायण सेवा है” की भावना से कार्यरत है।
संस्थापक कैलाश मानव को राष्ट्रपति द्वारा पद्मश्री से अलंकृत किया जा चुका है।
हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उन्हें सामुदायिक सेवा एवं सामाजिक उत्थान श्रेणी में राष्ट्रीय सम्मान प्रदान किया।
संस्थान के अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल मेडिकल, शिक्षा, कौशल विकास और खेल अकादमी जैसी पहल के जरिए लाखों जीवनों को संबल प्रदान कर रहे हैं। उन्हें भी वर्ष 2023 में राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। संस्थान अब तक 40,000 से अधिक कृत्रिम अंग निःशुल्क लगा चुका है।
