

रायपुर | 21 जून 2025 — भारत की सनातन सांस्कृतिक परंपरा में रामायण केवल एक महाकाव्य नहीं, बल्कि जीवन जीने की विधा है। इसी गौरवशाली ग्रंथ का एक अत्यंत भावनात्मक प्रसंग “भरत मिलाप” का जीवंत मंचन शनिवार को श्री जेतूसाव मठ, पुरानी बस्ती, रायपुर में अत्यंत भव्यता और भक्ति भाव से सम्पन्न हुआ।
इस ऐतिहासिक नाट्य मंचन का आयोजन “संस्कार भारती” और राकेश सिंह ठाकुर (महामंत्री, भा.ज.पा.लाखे नगर मंडल, रायपुर) द्वारा किया गया, जिसमें राम-भरत के मिलन, त्याग, सेवा और भ्रातृ प्रेम को मंच पर जीवंत कर दर्शकों की आंखें नम कर दीं। कथा के माध्यम से यह संदेश उभरा कि सच्चा नेतृत्व सेवा और त्याग से जन्मता है, न कि अधिकार की इच्छा से।कार्यक्रम में गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराने वाले मुख्य अतिथि थे:राजेश्री महंत राम सुन्दर दास जी महाराज, श्री दूधाधारी मठ, रायपुरमाननीय श्री सुनील सोनी जी, विधायक, रायपुर दक्षिण विधानसभा माननीय श्री रमेश सिंह ठाकुर जी, जिला अध्यक्ष, भा.ज.पा., रायपुर दाऊ महेन्द्र अग्रवाल जी, सचिव, श्री जेतूसाव मठ श्री अजय तिवारी जी, ट्रस्टी, श्री जेतूसाव मठ श्री अम्बर अग्रवाल, पार्षद महंत लक्ष्मी नारायण दास वार्ड और अध्यक्ष,ज़ोन 6 कार्यक्रम का संयोजन और आयोजन राकेश सिंह ठाकुर (महामंत्री, भा.ज.पा. लाखे नगर मंडल, रायपुर) द्वारा किया गया, वहीं प्रभावशाली नाट्य निर्देशन व मंचन का श्रेय किशोर वैभव जयसवाल एवं उनकी टीम को जाता है, जिन्होंने इस दृश्य को ऐसा जीवंत बनाया कि उपस्थित श्रोता रामायण के युग में पहुँच गए।
दर्शकों ने तालियों की गूंज और आंसुओं की नमी से अपनी भावनाओं को प्रकट किया। श्रीराम के चरणों में भरत का समर्पण, उनका खड़ाऊं को राजगद्दी पर बैठाना, और राम का भरत के स्नेह से विह्वल होना — इन सभी दृश्यों ने मानव मूल्यों का गूढ़ संदेश दिया।
“भरत मिलाप” केवल एक नाट्य प्रस्तुति नहीं रही, यह एक आध्यात्मिक अनुभव बन गई — जिसने सभी को यह सिखाया कि त्याग से बढ़कर कोई विरासत नहीं और सेवा से श्रेष्ठ कोई राज नहीं।
कार्यक्रम में रायपुर शहर की अनेक सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे। अंत में आयोजन समिति ने सभी अतिथियों व दर्शकों का आभार व्यक्त किया।
