जल संरक्षण की अनोखी पहल, जिले में ‘बोरी बंधन’ कार्यक्रम का हुआ शुभारंभ

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कार्यक्रम के तहत अब तक 30 से अधिक नालों में किया गया बोरी बंधन कार्य

मोहला । जिला पंचायत के नेतृत्व में पंचायत एवं विकास विभाग द्वारा जल संरक्षण के क्षेत्र में जिले में अनोखी पहल करते हुए मोर गांव-मोर पानी अभियान के अंतर्गत गत दिवस जिले में बोरी बंधन कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।

जिले में बोरी बंधन कार्यक्रम के तहत अब तक 30 से अधिक नालों में बोरी बंधन कार्य किया जा चुका है, जिनमें मुख्य रूप से द्वितीय एवं तृतीय श्रेणी की धाराएँ शामिल हैं। कार्यक्रम में जनप्रतिनिधि, युवा, महिलाएँ एवं ग्रामीणजन बड़ी संख्या में शामिल होकर श्रमदान के माध्यम से जल संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य कर रहे है। बोरी बंधन तकनीक से वर्षा जल का प्रभावी संरक्षण, भू-क्षरण की रोकथाम, भू-जल स्तर में वृद्धि तथा सिंचाई क्षमता का विस्तार संभव होगा।

 

जिला प्रशासन ने जल संरक्षण में जनभागीदारी की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि मोर गांव-मोर पानी अभियान के तहत चलाए जा रहे बोरी बंधन कार्यक्रम में जल संरक्षण केवल प्रशासनिक जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह प्रत्येक नागरिक की सामूहिक जिम्मेदारी है। जिसमें सभी की सहभागिता आवश्यक है। जनसहभागिता से लोगों में जागरूकता और जिम्मेदारी बढ़ती है। वही जब समाज स्वयं योगदान देता है तो जल संरक्षण कार्यों का दीर्घकालिक स्वामित्व और संरक्षण सुनिश्चित होता है। साथ ही सामुदायिक श्रमदान से कम लागत में सकारात्मक परिणाम संभव होते है। जल संरक्षण की जिम्मेदारी सबकी है। स्थानीय लोग अपनी भौगोलिक परिस्थितियों के अनुरूप स्थायी समाधान कर सकते हैं। बोरी बंधन जैसे प्रयास सामुदायिक एकजुटता का उदाहरण हैं, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित जल उपलब्ध कराने में मददगार सिद्ध होगा। जिला प्रशासन ने अधिक से अधिक लोगों को कार्यक्रम में जुडऩे एवं जल संरक्षण में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करने की अपील की है। इस जन-अभियान को सितंबर माह के अंत तक निरंतर जारी रखने का लक्ष्य रखा गया है। स्थानीय लोगों की सक्रिय भागीदारी से यह पहल जिले में जल संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण सामूहिक कदम साबित होगा।

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