चौपाल में किसानों ने उन्नत तकनीक से खेती-किसानी के तरीके साझा किए

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चौपाल में किसानों ने उन्नत तकनीक से खेती-किसानी के तरीके साझा किए

धमतरी- जिले में उन्नत तकनीक का उपयोग कर खेती-किसानी करने के लिए किसानों को जागरूक किया जा रहा है। इसके लिए किसान चौपालों का आयोजन लगातार किया जा रहा है। आज नगरी विकासखण्ड के ग्राम पंचायत अमाली में आयोजित किसान चौपाल में प्रगतिशील किसानों द्वारा उन्नत तकनीक से खेती-किसानी करने, खेती के साथ-साथ मछलीपालन, पशुपालन आदि करने के लिए भी जागरूक किया गया।

प्रगतिशील किसान मिथलेश साहू ने बताया कि वे बीएससी कृषि और एमएससी की शिक्षा जबलपुर से ली है। उन्होंने बताया कि वे 4 एकड़ में खेती की शुरूआत की थी और आज 24 एकड़ में खेती कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा ड्रिप सिंचाई मल्चिंग का सहयोग मिला है। मिथलेश ने प्रशासन के सहयोग से नगरी दुबराज की खेती करने की इच्छा भी जाहिर की।

नगरी दुबराज की खेती करने वाले किसान माधुरीलाल साहू ने बताया कि वे 10 सालों से नगरी दुबराज की खेती कर रहें हैं। उन्होंने किसानों को रायासनिक खाद का उपयोग नहीं करने और अधिक से अधिक जैविक खाद का उपयोग करने की समझाईश दी। इसके साथ ही साहू ने नगरी दुबराज लगाने की पद्धति की जानकारी भी दी। किसान चौपाल में उपस्थित जनपद सदस्य दुर्गेश नंदनी ने बताया कि खेती-किसानी केवल फसल लगाना ही नहीं है, बल्कि पशुपालन, उद्यानिकी और मछलीपालन भी है। उन्होंने बताया कि स्वसहायता समूह द्वारा 100 बकरियों का पालन किया जा रहा है। बकरियों के दूध का पावडर भी बनाया जाता है, जिसे बेचने से समूह की महिलाओं को अच्छी आमदनी हो रही है। जनपद सदस्य ने उपस्थित लोगों को शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाने की भी अपील की। जैविक खेती करने वाली जननी स्वसहायता समूह की महिला कृषक ईश्वरी कुंजाम ने बताया कि वे जैविक खेती को अपनाकर दुबराज चावल और साग-सब्जियां उगा रहीं हैं।

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किसान चौपाल में पहुंचे ग्राम गोरेगांव के पशुपालक भानुप्रताप साहू ने उपस्थित किसानों से किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने की अपील की। उन्होंने बताया कि वे गौपालन कर अपना व्यवसाय चला रहे हैं। इसके लिए सरकारी सहायता भी मिली है। साहू दूध और घी बेचते हैं। उन्होंने बताया कि वे  5 एकड़ में खेती भी करते हैं और अपनी गायों के गोबर के खाद का उपयोग खेती-किसानी में करते हैं। सेवानिवृत्त एसडीओ कोसरिया ने बताया कि औषधीय पौधों की खेती से भी किसान लाभ कमा सकते हैं। विभाग द्वारा पौधे निःशुल्क दिए जाते हैं तथा खरीददार की भी व्यवस्था की जाती है। उन्होंने ब्राम्ही, खस, शतावरी आदि की खेती के लिए प्रोत्साहित किया।

कलेक्टर अबिनाश मिश्रा ने कहा कि प्रगतिशील किसानों को एक-दूसरे से मिलकर कृषि तकनीक की जानकारी देने ऐसे शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। नगरी की भौगोलिक स्थिति पशुपालन, उद्यानिकी, मछलीपालन के लिए बेहतर है। कलेक्टर ने बताया कि किसानों के लिए किसान एप बनाया गया है। अमाली, फरसियां में दूध संग्राहकों को लाभ दिलाने के लिए योजना तैयार की जा रही है। उन्होंने कहा कि जिले में दुबराज की खेती को बढ़ावा देने के लिए मदद की जाएगी। कलेक्टर ने रागी, मड़िया, मिलेट्स की खेती की जानकारी भी दी। मिश्रा ने बीज और उसके खरीदी की व्यवस्था करने के निर्देश भी संबंधित अधिकारियों को दिए। इसके साथ ही रागी की खेती करने वाले किसानों की सूची भी तैयार करने के निर्देश कलेक्टर ने दिए। उन्होंने खेतों के मेड़ में नारियल के पौधे लगाने को भी कहा। सीईओ जिला पंचायत रोमा श्रीवास्तव ने कहा कि किसान चौपाल के जरिए किसानों को कृषि और संबंधित विभागों की योजनाओं की जानकारी दी जा रही है। इसके साथ ही प्रगतिशील किसान भी अनुभवों को साझा कर रहे हैं, जिसका लोगों को फायदा मिलेगा।

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