प्राथमिक शाला मुडियाडीह-नांदबारू में शिक्षकों की पदस्थापना

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महासमुंद । छत्तीसगढ़ शासन द्वारा लागू युक्तियुक्तकरण नीति ने उन विद्यालयों में शिक्षा का नया सवेरा हुआ है, जो वर्षों से शिक्षक संसाधनों की कमी से जूझ रहे थे। ऐसे ही दो विद्यालय महासमुंद विकासखण्ड अंतर्गत प्राथमिक शाला मुडियाडीह (पासीद) और प्राथमिक शाला नाँदबारू, जो 1994-95 से एकल शिक्षक विद्यालय के रूप में संचालित हो रहे थे।

तीन दशकों से इन विद्यालयों में एकमात्र शिक्षक के भरोसे शिक्षा व्यवस्था चल रही थी। सीमित संसाधनों और भारी जिम्मेदारियों के बावजूद शिक्षकगण पूरी निष्ठा से कार्य करते रहे, लेकिन कई शैक्षणिक गतिविधियाँ प्रभावी ढंग से संचालित नहीं हो पा रही थीं।

सत्र 2024-25 में छत्तीसगढ़ शासन की युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के तहत इन विद्यालयों को द्वि-शिक्षकीय स्वरूप मिला। पहली बार यहाँ दूसरे शिक्षक की पदस्थापना की गई। यह केवल एक प्रशासनिक निर्णय नहीं था, बल्कि इन विद्यालयों के लिए शैक्षणिक परिवर्तन का सकारात्मक पल था। दूसरे शिक्षक के आने से बच्चों के चेहरे पर नई ऊर्जा और उत्साह देखा गया। पढ़ाई अब और व्यवस्थित हुई, समूह कार्य, खेल, गतिविधि आधारित शिक्षण और व्यक्तिगत ध्यान संभव हो सका। गाँव वासियों ने भी इस बदलाव का दिल से स्वागत किया। पंचायत प्रतिनिधियों से लेकर पालकगण तक, सभी ने शासन के इस निर्णय के प्रति आभार व्यक्त किया और इसे सच्चे मायनों में शिक्षा का सशक्तिकरण बताया।

प्राथमिक शाला मुडियाडीह (पासीद) और नांदबारू आज उन विद्यालयों की श्रेणी में आ चुके हैं, जहाँ गुणवत्ता आधारित शिक्षण की बुनियाद और मजबूत हो रही है। इस बदलाव को एक सफलता के रूप में महसूस किया जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि सरकार की नीति और इच्छाशक्ति से शिक्षा के क्षेत्र में एक नया प्रतिमान गढ़ा जा सकता है।

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