

छत्तीसगढ़ युवा विकास संगठन संचालित विप्र कला वाणिज्य एवं शारीरिक शिक्षा महाविद्यालय रायपुर के शिक्षा विभाग एवं कंप्यूटर एवं साइंस विभाग द्वारा दो दिवसीय नेशनल कांफ्रेंस की आयोजन दिनांक 27 28 जून को किया गया जिसका मुख्य विषय शिक्षा में कृत्रिम बुद्धिमत्ता का समावेश है
यह नेशनल कांफ्रेंस विप्र महाविद्यालय शासकीय के. आर . डी महाविद्यालय नवागढ़ बेमेतरा ,महंत लक्ष्मी नारायण दास महाविद्यालय रायपुर एवं वीतराग रिसर्च फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किया गया। कॉन्फ्रेंस के प्रथम दिवस के उद्घाटन सत्र के अवसर पर अतिथि डॉ. गिरीश कांत पांडेय ने अपने संबोधन में ए आई को भविष्य की टेक्नोलॉजी बताया एवं उसके उपयोग और हानि की चर्चा की । इसके पश्चात कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कुलपति प्रोफेसर सच्चिदानंद शुक्ल( पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय) ने ए आई का शिक्षा में महत्व बताते हुए कहा कि चीजों की एनालिसिस करते हुए उसका सही उपयोग कैसे करें उन्होंने कहा कि आज से 15 वर्षों बाद वही देश सर्वोपरि होगा जिसकी डेटा पर पकड़ होगी उन्होंने जापान और जर्मनी की काफी एडवांस टेक्नोलॉजी की भी चर्चा की और विश्वविद्यालय में डिप्लोमा इन ए आई कोर्स इस वर्ष से प्रारंभ हो रहा है इसकी जानकारी छात्रों को दी। डॉ.दिव्या शर्मा ( एच. ओ
डी. शिक्षा विभाग एवं कार्यक्रम की कन्वेयर) द्वारा दोनों सत्रों की रूपरेखा प्रस्तुत की गई महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. मेघेश तिवारी ने अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ए आई का उपयोग सही दिशा में करने की बात कही। प्रथम सत्र के मुख्य वक्ता डॉक्टर अमितेश झा (सहायक प्राध्यापक गुरु घसीदास विश्वविद्यालय) ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता की नैतिकता और चुनौतियों की चर्चा छात्रों में करते हुए जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में (शिक्षा, स्वास्थ्य ,बैंकिंग, व्यापार ,मनोरंजन) आदि में ए आई की महत्व को बताया एवं सत्र के अंत में छात्रों द्वारा पूछे गए प्रश्नों के संतुष्टि पूर्ण उत्तर प्रदान किया। द्वितीय सत्र के ऑनलाइन सेशन के मुख्य वक्ता डॉ थीयागु सूर्या (सहायक अध्यापक शिक्षा केंद्रीय विश्वविद्यालय कर्नाटक )ने अपने वक्तव्य में कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में ए आई अत्यंत महत्वपूर्ण है इन्होंने रोबोटिक टीचर टैबा एवं रोबोटिक इंस्ट्रक्टर की जानकारी छात्रों को दी दोनों सत्र हेतु आभार प्रदर्शन विश्वविद्यालय शिक्षा विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ दिव्या शर्मा द्वारा किया गया।
