नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में मुख्य स्लैबों की संख्या चार से घटकर दो करने के प्रस्ताव को मंगलवार को जीएसटी परिषद की मंजूरी मिल गयी। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने परिषद की 56 वीं बैठक के बाद बताया कि अब दो मुख्य स्लैब पांच प्रतिशत और 18 प्रतिशत के होंगे। इसके अलावा कुछ वस्तुओं पर शून्य कर और कुछ पर 40 प्रतिशत कर भी होंगे। ये कर सुधार 22 सितंबर से लागू हो जायेंगे। उन्होंने बताया कि बैठक में कर स्लैब और दरों को युक्तिसंगत बनाने के सभी फैसले सर्वसम्मति से लिये गये।


काउंसिल में सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों ने आम सहमति से जीएसटी की सिर्फ दो दरों, 5 और 18 फीसदी को मंजूरी दी। पनीर, छेना, टेट्रापैक दूध, रोटी, चपाती परांठा, खाकरा जैसी आम लोगों से जुड़ी खाद्य वस्तुओं, दुर्लभ बीमारियों और कैंसर की दवाओं पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा और जीवन बीमा पॉलिसियों को भी करों से छूट दे दी गई है। इसकी लंबे अरसे से मांग उठ रही थी। वहीं, फास्ट फूड, धनाढ्य वर्ग के उपभोग में आने वाली लग्जरी कारों समेत शराब, तंबाकू जैसी चुनिंदा विलासिता की एवं जीवन के लिए हानिकारक वस्तुओं के लिए 40 फीसदी का विशेष कर स्लैब बनाया गया है।
