स्थानांतरण नीति लागू होने के बाद अटैचमेंट खत्म, DEO ने जारी किया आदेश…


बिलासपुर- छत्तीसगढ़ सरकार की साय कैबिनेट द्वारा स्थानांतरण पर लगी रोक हटाने और नई स्थानांतरण नीति लागू करने के बाद राज्यभर में प्रशासनिक हलचल तेज हो गई है। 5 जून 2025 से प्रभावी इस नीति के तहत सभी अटैचमेंट (संलग्नीकरण) तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिए गए हैं।
राज्य शासन के निर्देशों के पालन में जिला शिक्षा अधिकारी अनिल तिवारी ने बिलासपुर जिले के सभी बीईओ (ब्लॉक शिक्षा अधिकारी) और प्राचार्यों को पत्र जारी कर यह निर्देश दिया है कि जिन शिक्षक या कर्मचारियों को संलग्न व्यवस्था के तहत किसी अन्य कार्यालय या विद्यालय में पदस्थ किया गया है, उन्हें तत्काल मूल पदस्थ संस्था में कार्यमुक्त किया जाए।
बिल्हा, कोटा, तखतपुर और मस्तूरी ब्लॉक को निर्देश
जिन ब्लॉकों में संलग्नीकरण के मामले सामने आए हैं – बिल्हा, कोटा, तखतपुर और मस्तूरी, वहां के बीईओ व प्राचार्यों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि संबंधित कर्मचारियों को बिना देरी किए रिलीव किया जाए और इसकी पालन प्रतिवेदन तत्काल जिला शिक्षा कार्यालय में प्रस्तुत करें।
राज्य शासन की स्थानांतरण नीति के ये हैं मुख्य बिंदु
कंडिका 1.5 और 3.17 के अनुसार, 5 जून 2025 से जिला स्तरीय सभी संलग्न कर्मचारी स्वमेव संलग्नीकरण समाप्त माने जाएंगे।
संलग्न कर्मियों को तत्काल मूल संस्था के लिए कार्यमुक्त करना होगा।
किसी भी स्तर पर अटैचमेंट को जारी रखना राज्य शासन के आदेश का उल्लंघन माना जाएगा।
संयुक्त संचालक का भी निर्देश
संयुक्त संचालक, शिक्षा संभाग बिलासपुर द्वारा भी स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि सभी संस्थाएं संलग्न कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से मुक्त करें ताकि शासन की नीति का पालन सुनिश्चित हो सके।
नई स्थानांतरण नीति ने वर्षों से जारी अटैचमेंट व्यवस्था पर पूरी तरह से विराम लगा दिया है। बिलासपुर जिले में डीईओ अनिल तिवारी द्वारा जारी निर्देश से यह स्पष्ट हो गया है कि अब सभी कर्मचारियों को अपने मूल कार्यस्थल पर सेवा देना अनिवार्य है। शासन की इस सख्ती से शैक्षणिक व्यवस्था में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ने की उम्मीद है।
