

हेडिंग्ले, लीड्स — भारतीय विकेटकीपर-बल्लेबाज़ ऋषभ पंत ने इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे टेस्ट में ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए एक ही मैच में दो शतक जड़ दिए, और इस उपलब्धि के साथ वह इंग्लैंड में यह कारनामा करने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज बन गए हैं। उनके साथ-साथ टीम के चार अन्य बल्लेबाजों ने भी शतक लगाए, जिससे भारतीय क्रिकेट को विदेश में एक दुर्लभ कीर्तिमान मिला है।
तीसरे टेस्ट की पहली पारी में युवा सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल और कप्तान शुभमन गिल ने अपने करियर की लय बरकरार रखते हुए शानदार शतक लगाए। इसके बाद पंत ने पहली पारी में आक्रामक अंदाज में सेंचुरी ठोकी और दूसरी पारी में भी इस सिलसिले को जारी रखा। पंत ने अपने ट्रेडमार्क अंदाज में शोएब बशीर की गेंद पर एक हाथ से छक्का मारते हुए शतक पूरा किया।
चौथे और पांचवें शतक क्रमशः सरफराज खान और रोहित शर्मा ने पूरे किए, जिससे यह मैच भारतीय टेस्ट इतिहास में खास बन गया।
रिकॉर्डों की वर्षा: ऋषभ पंत और ‘पाँच शतक’ की पारी
ऋषभ पंत के दोहरे शतक ने न सिर्फ उन्हें इंग्लैंड में एक ही टेस्ट में दो सेंचुरी लगाने वाला पहला भारतीय बनाया, बल्कि भारतीय टीम ने कुल पाँच शतक लगाकर 2011 के बाद पहली बार एक टेस्ट मैच में ऐसा कारनामा किया है। इससे पहले 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ घरेलू मैदान पर भारत ने एक ही टेस्ट में पांच शतक लगाए थे।
विदेश में एशियाई टीम द्वारा एक पारी में तीन या उससे अधिक शतक लगाना भी दुर्लभ है। यह केवल चौथी बार हुआ है जब किसी एशियाई टीम ने विदेश में एक ही टेस्ट की पारी में तीन भारतीय बल्लेबाजों से शतक बनवाए हैं।
भारतीय क्रिकेट इतिहास के इस सुनहरे पन्ने में ऋषभ पंत का योगदान विशेष रहा है। वह अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी के लिए पहले से ही प्रसिद्ध हैं, और अब टेस्ट क्रिकेट में दोहरे शतक वाले क्लब में शामिल होकर उन्होंने अपना कद और ऊंचा कर लिया है।
हेडिंग्ले टेस्ट न केवल भारत की बल्लेबाजी गहराई को दिखाता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि युवा और अनुभवी खिलाड़ियों का मिश्रण टीम को नए आयाम दे रहा है।
