पंचमी के दिन होती है स्कंदमाता की पूजा: जानें विधि, मंत्र और आरती

0
81

-पंडित यशवर्धन पुरोहित

इस बार शारदीय नवरात्रि की पंचमी तिथि को लेकर मतभेद की स्थिति बन रही है। पंचांग के अनुसार, इस बार चतुर्थी तिथि 2 दिन होने से ऐसा हो रहा है। पंडित राजेश पुरोहित शारदीय नवरात्रि की पंचमी तिथि 27 सितंबर, शनिवार को रहेगी। इस दिन देवी स्कंदमाता की पूजा की जाएगी। इस दिन कईं शुभ योग भी बन रहे हैं, जिसके इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया है। आगे जानिए देवी स्कंद माता की पूजा

विधि, मंत्र, आरती और महत्व आदि पूरी डिटेल…

27 सितंबर 2025 शुभ मुहूर्त

सुबह 07:50 से 09:19 तक

दोपहर 12:17 से 01:46 तक

दोपहर 11:54 से 12:41 तक (अभिजीत मुहूर्त)

दोपहर 03:16 से 04:45 तक

इस विधि से करें देवी स्कंदमाता की पूजा

27 सितंबर, शनिवार को सुबह उठकर स्नान आदि करें और व्रत-पूजा का संकल्प लें। घर में जहां भी पूजा का स्थान है, उसे अच्छी तरह से साफ करें और गौमूत्र छिड़ककर पवित्र कर लें। इस स्थान पर लकड़ी का पटिया रख लाल कपड़ा बिछाएं और यहां देवी स्कंदमाता की तस्वीर स्थापित करें। देवी की तस्वीर पर फूलों की माला पहनाएं, कुमकुम से तिलक करें। शुद्ध घी का दीपक भी लगाएं। अबीर, गुलाल, सिंदूर, मेहंदी, हल्दी आदि चीजें एक-एक कर चढ़ाएं। केले का भोग लगाएं और नीचे लिखा मंत्र बोलने के बाद आरती करें-

या देवी सर्वभूतेषु स्कंदमाता रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

स्कंदमाता की आरती

नाम तुम्हारा आता, सब के मन की जानन हारी।

जग जननी सब की महतारी।।

तेरी ज्योत जलाता रहूं मैं, हरदम तुम्हें ध्याता रहूं मैं।

कई नामों से तुझे पुकारा, मुझे एक है तेरा सहारा।।

कहीं पहाड़ों पर है डेरा, कई शहरो मैं तेरा बसेरा।

हर मंदिर में तेरे नजारे, गुण गाए तेरे भगत प्यारे।

भक्ति अपनी मुझे दिला दो, शक्ति मेरी बिगड़ी बना दो

इंद्र आदि देवता मिल सारे, करे पुकार तुम्हारे द्वारे

दुष्ट दैत्य जब चढ़ कर आए, तुम ही खंडा हाथ उठाए

दास को सदा बचाने आई, चमन की आस पुराने आई।

0Shares

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here