GST सुधार की गूंज से शेयर बाजार में धमाकेदार उछाल, सेंसेक्स 888 अंक चढ़ा

0
9

मुंबई । वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 3 सितंबर की देर रात वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में किए गए बड़े बदलावों का असर गुरुवार सुबह शेयर बाजार में साफ दिखा। शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 888.96 अंकों की जोरदार छलांग लगाकर 81,456.67 अंक पर पहुंच गया, वहीं निफ्टी 265.7 अंक उछलकर 24,980.75 के स्तर पर पहुंचा। डॉलर के मुकाबले रुपया भी 17 पैसे मजबूत होकर 87.85 पर खुला।

विशेषज्ञों का कहना है कि जीएसटी परिषद के ऐतिहासिक सुधार से बाजार को नई ऊर्जा मिली है। जियोजित इंवेस्टमेंट्स लिमिटेड के मुख्य निवेश रणनीतिकार डॉ. वी.के. विजयकुमार ने कहा, “ऐतिहासिक जीएसटी सुधार उम्मीद से बेहतर रहा है। इससे कई क्षेत्रों को लाभ हुआ है और अंतिम लाभार्थी उपभोक्ता होगा, जिसे कम कीमतों का फायदा मिलेगा।”

आम उपभोक्ता को राहत

जीएसटी परिषद ने टैक्स स्लैब को सरल बनाते हुए केवल 5% और 18% पर सीमित कर दिया है। 22 सितंबर से लागू होने वाले इन बदलावों से रोटी, पराठा, हेयर ऑयल, आइसक्रीम, टीवी जैसी रोज़मर्रा की वस्तुएं सस्ती होंगी। वहीं स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर कर का बोझ शून्य हो जाएगा।

शेयर बाजार में किसे फायदा?

सेंसेक्स की कंपनियों में महिंद्रा एंड महिंद्रा के शेयरों में सबसे ज्यादा 7.50% की तेजी देखी गई। बजाज फाइनेंस, हिंदुस्तान यूनिलीवर, बजाज फिनसर्व, आईटीसी, टाटा मोटर्स और अल्ट्राटेक सीमेंट के शेयर भी फायदे में रहे। वहीं दूसरी ओर इटरनल, टाटा स्टील, एनटीपीसी और एचसीएल टेक दबाव में रहे।

विदेशी बनाम घरेलू निवेशक

बुधवार को विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने 1,666.46 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने 2,495.33 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।

वैश्विक बाजारों का हाल

एशिया में दक्षिण कोरिया का कोस्पी और जापान का निक्केई 225 मजबूत रहे, जबकि शंघाई एसएसई कंपोजिट और हांगकांग का हैंग सेंग कमजोर रहे।

अमेरिकी बाजार भी बुधवार को अधिकतर बढ़त के साथ बंद हुए।

वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 0.56% गिरकर 67.22 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।

बीते दिन का कारोबार

बुधवार को सेंसेक्स 409.83 अंक की बढ़त के साथ 80,567.71 पर और निफ्टी 135.45 अंक चढ़कर 24,715.05 पर बंद हुआ था।

कुल मिलाकर, ऐतिहासिक जीएसटी सुधार ने घरेलू बाजार में नई जान फूंक दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि उपभोग बढ़ने से अर्थव्यवस्था को और मजबूती मिलेगी, हालांकि आगे टैरिफ संबंधी चुनौतियां बाजार को परेशान कर सकती हैं।

0Shares

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here