अंटानानारिवो/नई दिल्ली । नेपाल और बांग्लादेश के बाद अब अफ्रीकी देश मेडागास्कर में भी Gen-Z के नेतृत्व में चल रहे विरोध प्रदर्शनों ने सरकार को गिरा दिया है। राष्ट्रपति अंद्री राजोएलिना देश छोड़कर किसी सुरक्षित स्थान पर चले गए हैं। विपक्ष और सरकारी सूत्रों ने इसकी पुष्टि की है।
राजोएलिना ने देर रात राष्ट्रीय टीवी पर अनिर्दिष्ट स्थान से संदेश जारी कर कहा कि सेना में विद्रोह और बढ़ते विरोध प्रदर्शनों के बीच उन्हें अपनी जान की सुरक्षा के लिए देश छोड़ना पड़ा। हालांकि उन्होंने इस्तीफा देने की घोषणा नहीं की।

सेना में बगावत, सत्ता पर कब्जे का दावा
मेडागास्कर की विशेष सैन्य इकाई CAPSAT ने बगावत करते हुए दावा किया कि अब देश का सैन्य नियंत्रण उनके पास है। इकाई के प्रमुख कर्नल माइकल रेंड्रियनरीना ने कहा कि “सेना जनता की आवाज पर प्रतिक्रिया दे रही है, यह तख्तापलट नहीं है।” राजधानी में प्रदर्शनकारियों के साथ सैनिकों ने मेडागास्कर के झंडे लहराते हुए रैली की।
तीन हफ्तों से जारी जेन-जेड का विरोध
25 सितंबर से शुरू हुए विरोध पहले पानी और बिजली की किल्लत को लेकर थे, लेकिन जल्द ही यह आंदोलन राष्ट्रपति विरोधी जनआक्रोश में बदल गया। अब तक 22 लोगों की मौत और दर्जनों घायल हो चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र ने शुरुआती दिनों में सरकार की हिंसक कार्रवाई की निंदा की थी।
नेपाल और श्रीलंका से मिली प्रेरणा
रिपोर्ट्स के मुताबिक, Gen-Z प्रदर्शनकारियों ने सोशल मीडिया और इंटरनेट के जरिए संगठन किया, और नेपाल व श्रीलंका के हालिया आंदोलनों से प्रेरणा ली।
राजनीतिक अस्थिरता का पुराना इतिहास
मेडागास्कर में यह पहला राजनीतिक संकट नहीं है। 1960 में फ्रांस से आजादी के बाद देश में कई बार सत्ता पलटी हो चुकी है। खुद राजोएलिना 2009 में सैन्य समर्थन से सत्ता में आए थे। उन्हें 2018 और फिर 2023 में राष्ट्रपति चुना गया, लेकिन विपक्ष ने चुनाव का बहिष्कार किया था।
फिलहाल, रिपोर्टों के अनुसार, राष्ट्रपति अपने पूर्व प्रधानमंत्री और करीबी सलाहकारों के साथ देश छोड़कर मॉरीशस पहुंच गए हैं।
मेडागास्कर, अफ्रीका के पूर्वी तट के पास स्थित एक द्वीप देश है, जिसकी आबादी करीब 3.1 करोड़ है। यहां गरीबी, भ्रष्टाचार और सेवाओं की विफलता के कारण जनता में लंबे समय से नाराजगी थी — जो अब Gen-Z आंदोलन के रूप में सामने आई है।









