राहुल गांधी को बहुत देर से समझ आता है : शिवराज सिंह चौहान

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ओबीसी वाले बयान पर हमलावर हुई भाजपा

नई दिल्ली । लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने शुक्रवार को ओबीसी वर्ग को लेकर बड़ा बयान दिया था। राहुल गांधी ने कहा था कि कांग्रेस को जिस तरह से इस वर्ग के हितों की रक्षा करनी थी, वह कार्य उस प्रकार से नहीं हुआ। राहुल के इस बयान पर भाजपा समेत अन्य दलों ने निशाना साधा है।

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, राहुल गांधी को बहुत देर से समझ आती है। पहले उन्होंने इमरजेंसी के लिए माफी मांगी। फिर उन्होंने सिख दंगों के लिए माफी मांगी। फिर उन्होंने ओबीसी से माफी मांगी। कांग्रेस ने ओबीसी के लिए क्या किया? कांग्रेस ने ओबीसी को हर संभव कुचलने का काम किया। उन्होंने राफेल मामले में भी माफी मांगी और अब राहुल गांधी जो कर रहे हैं, उसके लिए वह दस साल बाद फिर माफी मांगेंगे। वह कभी सही काम नहीं करते और दस साल बाद माफी मांगते हैं।

कविता बोलीं- सिर्फ एक साधारण माफी से कुछ नहीं होगा

वहीं बीआरएस नेता के कविता ने भी राहुल गांधी पर हमला बोला है। के कविता ने कहा कि कल राहुल गांधी ने देश से माफी मांगी और दावा किया कि जब कांग्रेस सत्ता में थी, तो वे जाति जनगणना नहीं करा सके। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आजादी के पिछले 75 वर्षों में ज्यादातर समय कांग्रेस पार्टी सत्ता में रही। ओबीसी के लिए छूटे अवसरों के बारे में आप क्या कहेंगे? उन छात्रों से क्या कहेंगे जो अपनी पसंद के कॉलेजों में नहीं जा सके? सिर्फ एक साधारण माफी से कुछ नहीं होगा।

 

कविता ने राहुल पर निशाना साधते हुए आगे कहा, मैं राहुल गांधी को चुनौती देती हूं….अगर आपकी ओबीसी समुदाय से मांगी गई माफी सच्ची है, अगर आप ओबीसी सशक्तिकरण को लेकर वास्तव में ईमानदार हैं… तो तेलंगाना में कराई गई ओबीसी जाति जनगणना के आंकड़े सामने हैं, सभी विवरण उपलब्ध हैं। अगर इनमें कोई त्रुटि है, तो लोगों को सुधारने का अवसर दीजिए। तेलंगाना के लोग बहुत अडिग और मजबूत हैं। हम बिहार सहित पूरे देश में आपके खिलाफ प्रचार करेंगे और आपके झूठ को उजागर करेंगे।

 

क्या कहा था राहुल गांधी ने?

राहुल गांधी ने कल कार्यक्रम में कहा था कि मैं 2004 से राजनीति में हूं और मुझे 21 साल हो गए। जब मैं पीछे देखता हूं और अपना आत्मविश्लेषण करता हूं, मैंने कहां-कहां सही काम किया और कहां कमी रही तो दो-तीन बड़े मुद्दे दिखाई देते हैं। ओबीसी की मुश्किलें छुपी रहती हैं। मुझे अगर आपके मुद्दों और परेशानियों के बारे में उस वक्त पता होता तो मैं उसी वक्त जातिगत जनगणना करवा देता। वो मेरी गलती है, जिसे मैं ठीक करने जा रहा हूं। हालांकि, ये एक तरह से अच्छा ही हुआ, क्योंकि अगर उस समय मैंने जातिगत जनगणना करवा दी होती, तो वो आज जैसी नहीं होती।

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